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सादर प्रणाम ....
सादर प्रणाम ....
महानिशा से प्रारम्भ करके ७ दिनों तक निम्न मन्त्र का जप करते हुए आज्ञा
चक्र पर ध्यान करे यदि ध्यान न टिक पा रहा हो तो चन्दन का तिलक लगाकर उसकी
शीतलता पर ध्यान केंद्रित करे …
महानिशा से प्रारम्भ करके ७ दिनों तक निम्न मन्त्र का जप करते हुए आज्ञा
चक्र पर ध्यान करे यदि ध्यान न टिक पा रहा हो तो चन्दन का तिलक लगाकर उसकी
शीतलता पर ध्यान केंद्रित करे …
" ॐ अं कं चं टं तं पं यं शं बिन्दुराविर्भव।
" ॐ अं कं चं टं तं पं यं शं बिन्दुराविर्भव।
आविर्भव हं सं लं क्षं मयि जाग्रय जाग्रय
आविर्भव हं सं लं क्षं मयि जाग्रय जाग्रय
त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरू कुरू स्वाहा: "
त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरू कुरू स्वाहा: "
जब स्पंदन अनुभव होने लगे तो इसी प्रकार मणिपुर और फिर मूलाधार चक्र पर
ध्यान करे … उसके बाद क्रम से सप्त चक्रो का ध्यान करे … मूलाधार से
सहस्रार और फिर मूलाधार तक ....
जब स्पंदन अनुभव होने लगे तो इसी प्रकार मणिपुर और फिर मूलाधार चक्र पर
ध्यान करे … उसके बाद क्रम से सप्त चक्रो का ध्यान करे … मूलाधार से
सहस्रार और फिर मूलाधार तक ....
इसके अद्भुत अनुभव आपको अध्यात्म
के मार्ग पर चला ही देंगे … यदि किसी को विश्वास न भी हो तो भी एक बार
केवल परीक्षा के लिए ही इस प्रयोग को करके देखें ....
इसके अद्भुत अनुभव आपको अध्यात्म
के मार्ग पर चला ही देंगे … यदि किसी को विश्वास न भी हो तो भी एक बार
केवल परीक्षा के लिए ही इस प्रयोग को करके देखें ....
और अपने अनुभव इस पोस्ट के नीचे अवश्य लिखे .... कुछ लोगो को पहली बार में ही दीव्य अनुभूति होती देखि गयी है …
और अपने अनुभव इस पोस्ट के नीचे अवश्य लिखे .... कुछ लोगो को पहली बार में ही दीव्य अनुभूति होती देखि गयी है …
जय माँ आदिशक्ति
जय माँ आदिशक्ति
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