मंत्र:---
आडू देश से चला अघोरी , हाथ लिये मुर्दे की झोली , खड़ा होए बुलाय लाव , सोता हो जागे लाव ,
तुझे अपने गुरु अपनों की दुहाई ,, बाबा मनसा राम की दुहाई !
............ विधान:-----
मंगलवार
या शनिवार के दिन , कृष्णपक्ष से रात्रि के समय , लाल या काले आसन पर बैठ
कर नित्य ही ११ माला का जप करे ! अपने सम्मुख अघोरी आत्मा हेतु एक मिट्टी
के कुलहड़ में देसी शराब , श्वेत फूलो की माला , मिठाई -नमकीन आदि रखे !
गूगल की धुप और कडुवे तेल का गिरी हुए बत्ती का दीपक अवश्य प्रज्ज्वलित रखे
! जब जप पूर्ण हो जाये ,, तो ये सभी सामग्री किसी चौराहे पर या किसी पीपल
के पेड के नीचे चुपचाप से रख आये और हाथ-पैर धोकर सो जाये ! ७वे दिन मत
जाये ! तब किसी अघोरी की आत्मा आएगी और सामग्री न देने का कारन बहुत ही
कड़क शब्दों में पूछेगी .....! घबराए नहीं और उत्तर भी मत देना और जो पूर्व
दिन की बची सामग्री है -[जो देनी थी] वो दे दे .......! कुछ भी प्रशन न
करे और न ही किसी प्रश्न का उत्तर दे !
अब जप के पश्चात् जो
सामग्री-[वर्तमान दिन ...यानि ८ वे दिन की है ] है ...फिर से चौराहे पर या
पीपल के पेड के नीचे रख आये ! ...ये क्रिया या साधन ११ दिन तक होगा ! और ११
वे दिन अघोरी की आत्मा आएगी और सौम्य भाषा -शब्दों में वार्ता करगी ....!
उससे अपनी बुद्धि के अनुसार वचन आदि लेना ! ये आत्मा साधक के अभिष्टों को
पूर्ण करेगी ! जब भी किसी कुल्हड़ में देसी शराब और नमकीन -मिठाई अघोरी के
नाम से अर्पित करोगे तो वो सम्मुख आकर साधक की समस्या का निवारण भी करेगी
.....! स्पष्ट है की अघोरी की आत्मा साधक के आस-पास ही रहेगी ........!
Mantra kaha diya guroji
ReplyDeleteSatbai din black bhog kaha faina hai guru ji
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