सुप्रभात ...

आप सभी को धन त्रयोदशी की हार्दिक शुभ कामनाएँ .........

दीपावली - यानि लक्ष्मी का आगमन , इससे पहले हम सभी अपने अपने घरों की साफ सफाई करते हैं ... कूड़ा कर्कट और कबाड़ घर से निकालते हैं क्यूंकी ये सब अलक्ष्मी का रूप ही होता है ,

वर्ष भर , यदि आप विपत्तियों , रोगों एवं धन संबन्धित समस्याओं से सुरक्षित रहना चाहते हैं तो आप माँ धूमवाती का जप करें ।

इस दिन रात 12 बजे के बाद ' धूमवाती ' के मंत्र का जप किया जाता है ।
धूमवाती को अलश्मी का रूप माना जाता है ... उनसे निवेदन स्वरूप ये जप किया जाता है की अब आप प्रस्थान करें ... जिससे की लक्ष्मी का आगमन हो ।

ये जप घर से बाहर यानि कि आप अपने घर के आगे के आँगन मे कर सकते हैं ,
यदि घर का कोई पुरुष करे तो उत्तम है ...
तेल का दिया जला कर , दक्षिणामुख हो पहले 1 माला गणपती की , 1 माला गुरु मंत्र की तत्पश्चात 11 माला धूमवाती की करनी हैं ... जप के समय मे आपको कई तरह की डरावनी अनुभूतियाँ हो सकती हैं , ये प्रमाण होगा कि मंत्र सिद्ध हो रहा है , किन्तु जप बंद न करें न ही आसन छोड़ें ।

जप के पश्चात आप माँ धूमवाती से प्रार्थना करें व दीपक को जलता रहने दें ...
इस जप के समय घर का कोई भी व्यक्ति बाहर न आए ... न ही टोके ।
ये मंत्र और विधान मेरा अनुभूत है ... विगत 11 वर्षों से कर रहा हूँ ।

मंत्र - " ॐ धूम धूम धूमावाती ठह ठह " या " ॐ धूम धूम धूमवाती स्वाहा "

Comments